राज्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा के गोद लिया हुआ हॉस्पिटल आज एक नर्सिंग होम में हुआ तब्दील मरीजों के साथ हो रहा है खेलवाड

बाराबंकी। तहसील रामसनेहीघाट मुख्यालय के चंद कदमों की दूरी पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनी कोडर सुप्रसिद्ध राज्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा के गोद लिया हुआ हॉस्पिटल आज एक नर्सिंग होम में तब्दील हो गया

सूत्रों की माने तो रामसनेहीघाट बाराबंकी में लंबे समय से कार्यरत महिला यूनानी चिकित्सा डॉक्टर नगमा द्वारा मरीज का उत्पीड़न अधिक शोषण किए जाने का प्रकरण प्रकाश में आ रहा है सूत्रों की माने तो जो दवाइयां अस्पताल में उपलब्ध है फिर भी बाहर से दवाइयां लिखी जाती हैं और यही नहीं बेसिक की नीति जांच भी बाहर से कराई जाती हैं वह भी एक जगह है फोन से बात करने के बाद अन्यथा उसे मरीज को डाटा फटकार जाता है डॉक्टर नगमा द्वारा जबकि यह भिखारपुर सीएचसी में तैनात है और एक डॉक्टर यूनानी होने के बाद भी अंग्रेजी दवाइयां लिखी जाती है क्योंकि इनका बाहर के मेडिकल स्टोर से कमीशन सेट है और जाते समय यह अपना कमीशन मेडिकल स्टोर पर ले करके तब जाती हैं इस वजह से मरीजों को बाहर की दवाइयां लिखने में इन्हें महानता हासिल होती है इनके साथ-साथ बाहर की लिए दवा के पर्चे इस महिला डॉक्टर द्वारा लगातार लिखी जाती है प्रतिदिन देर से आना हुआ बाहर की दवाइयां खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है यह प्रक्रिया लगातार चल रही है जबकि अधीक्षक डॉक्टर अमरेश कुमार वर्मा द्वारा काफी डाटा फटकार गया और यही नहीं कहा जाता है कि चिकित्सा अधिकारी बाराबंकी द्वारा शिकायत भी किया गया लेकिन नहीं तो इनका ट्रांसफर हुआ और ना ही किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई आखिर में क्यों अभी यहां तो एक चर्चा का विषय बन गया है की डॉक्टर नगमा जिला चिकित्सा अधिकारी को माहवारी देती है या फिर अधिकारी महोदय डरते हैं यही नहीं राज्य मंत्री सतीश शर्मा को इस प्रकरण का संज्ञा लेना चाहिए क्योंकि इस अस्पताल को उन्होंने गोद ले रखा है लेकिन इस पर उनकी नजर नहीं पड़ रही है केवल कागजों पर या दिखावा गोद लिए हुए हैं

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