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30 OBC हो सकते हैं, करप्शन वालों की छुट्‌टी होगी; 3 मार्च तक आएगी लिस्ट

लखनऊ। भाजपा के नए जिलाध्यक्षों की घोषणा 3 मार्च तक हो सकती है। नई लिस्ट में 98 में से 29 पुराने जिलाध्यक्ष का बाहर होना तय है। बाहर होने वालों की संख्या 35 तक भी हो सकती है। ये वो जिलाध्यक्ष हैं, जिन पर करप्शन के आरोप हैं, शिकायतें हैं। 29 ऐसे जिलाध्यक्ष हैं, जो दो कार्यकाल पूरे कर चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महानगर अध्यक्ष पद के लिए सबसे ज्यादा 115 आवेदन आए हैं, जबकि लखनऊ महानगर में सबसे कम मात्र 1 आवेदन आया है।

भाजपा के एक शीर्ष पदाधिकारी ने बताया- प्रदेश नेतृत्व ने करीब 80 संगठनात्मक जिलों के जिलाध्यक्षों की लिस्ट तैयार कर पैनल केंद्रीय नेतृत्व को भेजा दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष इस पर जल्द ही मंथन करेंगे।

केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी के बाद 3 मार्च तक सूची जारी हो सकती है। पहले चरण में 70 से 80 जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति होगी। भाजपा ने यूपी को 6 क्षेत्रों में बांटा रखा है। इसमें 98 संगठनात्मक जिले हैं। पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव के लिहाज से यह पूरा साल संगठन को मजबूत करने में बीतेगा।

ओबीसी की भागीदारी सबसे ज्यादा रहेगी

भाजपा पदाधिकारी ने बताया कि जिलाध्यक्षों में ओबीसी वर्ग की भागीदारी सबसे ज्यादा रहेगी। अभी इस वर्ग से करीब 36 जिलाध्यक्ष हैं। लिस्ट में इनकी संख्या 30 हो सकती है, लेकिन फिर भी पिछड़ा वर्ग से नाम सबसे ज्यादा रहेंगे।

विरोध और करप्शन वाले बाहर हो जाएंगे

अंबेडकरनगर के जिलाध्यक्ष त्रयंबक तिवारी, रायबरेली के जिलाध्यक्ष बुद्धिलाल पासी का विरोध बहुत ज्यादा है। लखनऊ जिलाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह, फतेहपुर के जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल सहित अन्य जिलाध्यक्षों के खिलाफ कई शिकायतें हैं।
अंबेडकर नगर के जिलाध्यक्ष त्रयंबक तिवारी के व्यवहार को लेकर सभी जनप्रतिनिधि और पार्टी पदाधिकारी नाराज हैं। शिकायत है कि उनका कार्यकर्ताओं के साथ व्यवहार अच्छा नहीं है। वहीं, रायबरेली के जिलाध्यक्ष बुद्धिलाल पासी बुजुर्ग हैं। वह निर्धारित 60 साल की आयु सीमा पार कर चुके हैं। उन्हें राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह का आदमी माना जाता है। 6 पूर्व जिलाध्यक्ष भी उनके खिलाफ पत्र लिख चुके हैं।
फतेहपुर के जिलाध्यक्ष के खिलाफ पद दिलाने के नाम पर 50 लाख रुपए की वसूली का मामला हाल ही में सामने आया है। पार्टी ने इस मामले में जांच भी शुरू की है। लखनऊ के जिलाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह के खिलाफ भी एक प्लॉट के लेन-देन की शिकायत है। साथ ही व्यवहार को लेकर भी शिकायत है। ऐसे में विरोध और गंभीर शिकायतों के आधार पर कई जिलाध्यक्ष टीम से बाहर हो जाएंगे।

एससी और महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी

भाजपा के जिलाध्यक्षों में इस बार अनुसूचित जाति और महिला वर्ग की भागीदारी बढ़ेगी। अभी 4 एससी और 4 महिला जिलाध्यक्ष हैं। नई सूची में महिला और एससी जिलाध्यक्षों की संख्या 15 से 20 तक हो सकती है। एससी की तुलना में महिला जिलाध्यक्ष ज्यादा होंगी।

भाजपा पदाधिकारी ने बताया कि जिलाध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद प्रदेश पदाधिकारियों की नई टीम बनेगी। प्रदेश की नई टीम बनने में 3 से 6 महीने तक का समय लग सकता है।

सभी मोर्चों में नए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होंगे

सभी 6 संगठनात्मक क्षेत्रों में नए क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाए जाएंगे। क्षेत्रों में भी नई टीम का गठन होगा। जिलाध्यक्ष जिले और मंडलों में अपनी नई टीम बनाएंगे। शक्ति केंद्रों पर भी नई टीम बनाई जाएगी।

भाजयुमो, ओबीसी मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, किसान मोर्चा और महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे। पार्टी की ओर से सभी 7 मोर्चों में नए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे। साथ ही सभी अग्रिम प्रकोष्ठ और विभागों की भी नई टीम बनाई जाएगी। संगठनात्मक पुनर्गठन में 2025 करीब-करीब पूरा बीत जाएगा।

चुनाव के जातीय समीकरण साधेंगे

भाजपा में प्रदेश, क्षेत्र और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पंचायत चुनाव 2026 और विधानसभा चुनाव 2027 के जातीय समीकरण के मद्देनजर की जाएगी। चुनावों को देखते हुए सभी जातियों को संगठन में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।

25 हजार कार्यकर्ताओं को मिलेगा पद

भाजपा पदाधिकारी ने बताया कि संगठन में प्रदेश से लेकर मंडल तक की कार्यकारिणी और अग्रिम मोर्चे, प्रकोष्ठ और विभागों में 25 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं का संगठन में समायोजन हो जाएगा।

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