बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) का दावा है कि उसने जाफर एक्सप्रेस में सवार 214 बंधकों को मार डाला है, क्योंकि पाकिस्तानी सेना ने युद्धबंदियों के एक्सचेंज के लिए 48 घंटे की आखिरी चेतावनी नहीं मानी थी। बीएलए ने पहाड़ी दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान में एक सुदूर रेलवे ट्रैक पर बमबारी की और लगभग 450 यात्रियों से भरी ट्रेन को हाईजैक कर लिया। संगठन ने पाकिस्तान पर बातचीत की बजाय “जिद और सैन्य अहंकार” को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया, जिसके कारण बंधकों की मौत हो गई।

समूह ने झड़पों में मारे गए अपने 12 लड़ाकों को भी “सम्मानित” किया, जिनमें बुधवार रात को मारे गए तीन और गुरुवार को मारे गए चार शामिल हैं। उन्होंने मजीद ब्रिगेड के पांच लड़ाकों के “बलिदानों को भी मान्यता दी”, जो आत्मघाती हमलों के लिए जानी जाने वाली BLA की ब्रांच है।

संगठन ने ‘दर्रा-ए-बोलन’ नाम के एक पिछले ऑपरेशन की भी जानकारी दी, जहां उनका दावा है कि उन्होंने घात लगाकर पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों को पकड़ लिया था।

उनका आरोप है कि पाकिस्तानी SSG कमांडो ने बंधकों को छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन वे फेल रहे, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए। लंबी लड़ाई के बाद, कथित तौर पर बाकी बंधकों को मार दिया गया।

इसके अलावा, बीएलए ने जाफर एक्सप्रेस से बंधकों को सफलतापूर्वक छुड़ाने के पाकिस्तानी सेना के दावों का खंडन करते हुए कहा कि बंधकों को पहले दिन ही “युद्ध के नियमों” के तहत रिहा कर दिया गया था। उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य अभियान को उसकी “सैन्य और खुफिया श्रेष्ठता” के बावजूद विफल माना।

बीएलए ने इस बात पर जोर दिया कि लड़ाई जारी है और उनके लड़ाके घात लगाकर पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रहे हैं। इससे पहले CNN-News18 ने रिपोर्ट दी थी कि हमले के तुरंत बाद बंधकों को अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया।

इससे पहले एक बयान में बलूच विद्रोहियों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना हताहतों की असली संख्या छिपा रही है, ताकि उसके जवानों का मनोबल टूट न जाए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया से आग्रह किया कि वे पाकिस्तानी सरकार और मीडिया की ओर से फैलाई जा रही बातों पर रिपोर्ट करने के बजाय इसकी जांच करें।

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